आज़ादी- An Inspiring Poem Written By Rachna Khushu On Occasion Of Independence Day.

आज़ादी- An Inspiring Poem Written By Rachna Khushu On Occasion Of Independence Day.
RACHNA KHUSHU

DATED:-15.08.2021.

आज़ादी- An Inspiring Poem Written By Rachna Khushu On Occasion Of Independence Day.

 HAPPY INDEPENDENCE DAY TO ALL


आज़ादी                                                      

धन्य हैं हम,भाग्यशाली

आज़ाद भारत के युवा

ना लड़े, ना बन्दूक तानी

आओ खुद पर करें गुमां

 

पर भूल जाएँ उनको

जिनके कारण हमको ये मिला?

भूल जाएँ उस हवन को

जिसमे स्वाहा सब हुआ?

 

भूल जाएँ रानी झाँसी की मर्दानी ललकार को?

भूल जाएँ शहीद भगतसिंह के अमूल्य बलिदान को?

भूल जाएँ मंगलपांडे के जोखिम भरे अभियान को?

भूल जाएँ उस हर ग़ुलाम भारतीय के आवाहन को?

 

भूल जाएँ लाशों वाली लाल रंग की होली को?

भूल जाएँ चिताओं से पनपी उस मनहूस दीवाली को?

भूल जाएँ बिलखते अनाथ बच्चों की उस टोली को?

भूल जाएँ बिखरी,बिफरी, दिशाहीन डोली को?

 

अब समय है, अपनी धरोहर का

हम सब सम्मान करें

देश के हित मे जो सही है

उसका आवाहन करें

 

अपनी प्रभुता- अखंडता को

हम , बनाए रखें

सहनशीलता, एकाग्रता को

सब मे संचित, हम करें

 

आज भारत की दुनिया मे,ऐक पहचान है

सर्वश्रेष्ट देशों मे उसका ऐक नाम है

जो कभी चाहा था, उसका वो मुकाम है

प्रगति पथ पर अग्रसर, आगे और बहुत काम है

 

आपसी झगड़ों मे उलझें

क्यों रंजिशों को तूल दें

कुछ बड़ा करें, बड़ा सोंचें

समय का सदुपयोग करें

 

पड़ोसियों के धोगलेपन का

भी कुछ संज्ञान लें

आस्तीन के साँपों का

फन कुचल देंगे, प्रण लें

 

काट दें सर,

कर दें धड से कलम

ऐलान करते, दुश्मनों

देश के प्रहरी हैं हम

 

हम हैं भारत, हम से भारत

भारतीय हमारी राष्ट्रीयता

खून मे संचारित है भारत

नहीं कहीं ऐसी कोई दूसरी सभ्यता

 

रचना

 

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