राखी -A touching poem written by Mrs. Rachna Khushu on the eve of Raksha Bandhan today.

राखी -A touching poem written by Mrs. Rachna Khushu on the eve of Raksha Bandhan today.
RACHNA KHUSHU 
दिनांक: 22.08.2021

Greetings to all on the auspicious occasion of the Raksha Bandhan today

राखी -A touching poem written by Mrs. Rachna Khushu on the eve of Raksha Bandhan today.

                           राखी                              

 राखी मे भाई – बहन

का प्यार

उनका छिपा हुआ

 दुलार

 

कर लें चाहे, झगडे

हजार

कर लें कितनी भी

तकरार

 

धागा देता मंतर

मार

और कर देता गहरा

प्यार

 

बहनें करती ये

 गुहार

भाई का बसा रहे

परिवार

 

माँ के जायें पर दे

वार

स्वादिष्ट व्यंजन

और अचार

 

भाई पर कर दे कोई

वार

बहन, उसका कर देती

बंटादार

 

बहन को होते देख

ख्वार

भाई बनता तेज

कटार

 

राखी ऐसा

अनोखा तार

जिसमे लिपटी खुशियाँ

हज़ार

 

उमर कोई नहीं

आधार

ये रिश्ता, बड़ता ही

 हर बार

 

बिस्कुट – टॉफ़ी वाला

प्यार

बड के बनता

राज़दार

 

दिखने को धागे

चार

भारी- भरकम इनका

सार

 

मुश्किल मे भाई जाये ना

हार

बहनें चिंता करें हर

बार

 

बहनें करती हैं

इज़हार

भाई को खुशियाँ मिलें

अपार

 

भाई की दुआओं मे

सराभोर

बहनें जगतीं हर

भोर

 

राखी इक ऐसी पावन

डोर

जिसके भावुक दोनों

छोर

 

माँ के रहते हों

मगरूर

फिर बनते इक-दूजे का

गुरूर

 

फ़र्ज़ की चढ के सीडी

चार

निखरता और ये

व्यव्हार

 

मिलें, देखें, ना कुछ

वार

दोनों को आता नहीं

करार

 

भूल कर सारा

अहंकार

बनते, इक- दूजे का

हार

 

रचना

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