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“खुद से साक्षात्कार” :- A poem in ‘Hindi’ by Mrs. Rachna Khushu.

 

"खुद से साक्षात्कार" :- A poem in 'Hindi' by Mrs. Rachna Khushu.

RACHNA KHUSHU
DATED 09.09.2021.


खुद से साक्षात्कार                                             

 

मे्रे दिल बोल ज़रा

राज़ दिल के खोल ज़रा

क्यों है तू खफा खफा

किसका लगा तुझे बुरा

 

आ इधर बेठ ज़रा

कर ले जो करना है गिला

इसकी- उसकी भूल ज़रा

कर दे ना रफा – दफा

 

भूल जा तुझे ये ना मिला

वो ना मिला

याद रख, तुझे क्या है मिला

कितना मिला

 

आज इस पल को

व्यर्थ ना यूं जाने दे

कल की किसको खबर

कैसी होगी डगर

 

रंजिशें भूल ज़रा

यूं मन मैला ना कर

कांच से मन पर पड़ी

ओस को हटा ज़रा

 

भूख से बिलख रहे

बच्चों को अश्वासन दे

खुद पर इतरा ज़रा

तूने ये सब ना सहा

 

गिरती दीवार की ज़द मे

आई कितनी जानें

खुदा का खौफ़ कर

तू निकल आया किसी बहाने

 

शुक्र कर उस तेरे रब का

जो तू ऐक स्टेशन पहले उतरा

वरना उस रेल हादसे मे

क्या बचता तेरा, बता ज़रा

 

आ ख़ुद से मिल

अपना दीदार कर ले

अच्छा अच्छा सोच

अच्छा विचार कर ले

 

रचना

 

 

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