ये रिश्ते -A poem written by Mrs. Rachna Khushu.

RACHNA KHUSHU,  दिनांक:12.08.2021. ये रिश्ते                               आग़ है, तूफ़ान है रिसता हुआ नासूर है कयामत हैं, आपदा हैं राख़ है,राख मे जलती चिंगारी हैं दर्द है,आह है सिसकता घाव है बदहवासी है,शोर है …

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